Thursday, December 25, 2008

देखा उन्हें और ------------------------

यह भी उस ऊपर वाले की मर्ज़ी है
की हमने उनको देखा की देखते ही रह गए
उनके बारे में अब क्या कहें
ना कहते हुए भी कह गए
रब्ब ने बनाया है आपको तराश कर
जैसे मन्दिर में रखी मूर्त
मूर्त भी ऐसी की देखो तो देवी
देवी जैसा ललाट मुख पर सवेरा
हँसी ऐसी कि फूल झरतें हो जैसे
आखें नीला आकास हो जैसे
हम तो उनको पूजते ही चले गए पूजते ही चले गए
फिर कुछ ऐसा हुआ की वो हमसे दूर चले गए
मगर एक पक्की दोस्ती का वादा करके चले गए
इतना करम वो हम पर कर गए
हमें अकेला छोड़कर दूर अपनी मंजिल को पाने बढ़ते चले गए
ठीक है उनकी मंजिल पाना है जीवन का आधार
मगर मंजिल पाने में हम उनको दुवाएं देते चले गए
मेरी दुवाओं में अगर असर होगा तो
मंजिल आपको मिलेगी जरूर
यह दिल की आवाज को हमने कहते हुआ सुना
दिल का कहना सच हो यह दुआ हम करते रहे
कहने को बहुत कुछ है आपके बारे में
बस इतना कहूँगा कि आप हो स्वर्ग कि अप्सरा
और में हूँ एक अदना सा पुजारी जो आपकी पूजा करता चला गया

9 comments:

  1. अच्‍छे भाव हैं

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  2. आपका ब्लॉग जगत में स्वागत है
    http://videocollectorblog.blogspot.com

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  3. अच्‍छे भाव हैं|

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  4. भाव अच्छे हैं वर्तनी की कुछ गलतियां हैं
    http://veenakesur.blogspot.com/

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  5. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त करने का कष्ट करें

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  6. इस सुंदर से नए चिट्ठों के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  7. हिन्दी ब्लॉगजगत में स्वागत है। मैं यमुनानगर का सबसे पुराना हिन्दी ब्लॉगर हूँ। प्रसन्नता है कि यमुनानगर से एक और हिन्दी ब्लॉगर का पता चला।

    श्रीश बेंजवाल
    http://shrish.in

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आपके आने और विचार देने के लिए आभारी हूं