यह भी उस ऊपर वाले की मर्ज़ी है
की हमने उनको देखा की देखते ही रह गए
उनके बारे में अब क्या कहें
ना कहते हुए भी कह गए
रब्ब ने बनाया है आपको तराश कर
जैसे मन्दिर में रखी मूर्त
मूर्त भी ऐसी की देखो तो देवी
देवी जैसा ललाट मुख पर सवेरा
हँसी ऐसी कि फूल झरतें हो जैसे
आखें नीला आकास हो जैसे
हम तो उनको पूजते ही चले गए पूजते ही चले गए
फिर कुछ ऐसा हुआ की वो हमसे दूर चले गए
मगर एक पक्की दोस्ती का वादा करके चले गए
इतना करम वो हम पर कर गए
हमें अकेला छोड़कर दूर अपनी मंजिल को पाने बढ़ते चले गए
ठीक है उनकी मंजिल पाना है जीवन का आधार
मगर मंजिल पाने में हम उनको दुवाएं देते चले गए
मेरी दुवाओं में अगर असर होगा तो
मंजिल आपको मिलेगी जरूर
यह दिल की आवाज को हमने कहते हुआ सुना
दिल का कहना सच हो यह दुआ हम करते रहे
कहने को बहुत कुछ है आपके बारे में
बस इतना कहूँगा कि आप हो स्वर्ग कि अप्सरा
और में हूँ एक अदना सा पुजारी जो आपकी पूजा करता चला गया
Thursday, December 25, 2008
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