यह भी उस ऊपर वाले की मर्ज़ी है
की हमने उनको देखा की देखते ही रह गए
उनके बारे में अब क्या कहें
ना कहते हुए भी कह गए
रब्ब ने बनाया है आपको तराश कर
जैसे मन्दिर में रखी मूर्त
मूर्त भी ऐसी की देखो तो देवी
देवी जैसा ललाट मुख पर सवेरा
हँसी ऐसी कि फूल झरतें हो जैसे
आखें नीला आकास हो जैसे
हम तो उनको पूजते ही चले गए पूजते ही चले गए
फिर कुछ ऐसा हुआ की वो हमसे दूर चले गए
मगर एक पक्की दोस्ती का वादा करके चले गए
इतना करम वो हम पर कर गए
हमें अकेला छोड़कर दूर अपनी मंजिल को पाने बढ़ते चले गए
ठीक है उनकी मंजिल पाना है जीवन का आधार
मगर मंजिल पाने में हम उनको दुवाएं देते चले गए
मेरी दुवाओं में अगर असर होगा तो
मंजिल आपको मिलेगी जरूर
यह दिल की आवाज को हमने कहते हुआ सुना
दिल का कहना सच हो यह दुआ हम करते रहे
कहने को बहुत कुछ है आपके बारे में
बस इतना कहूँगा कि आप हो स्वर्ग कि अप्सरा
और में हूँ एक अदना सा पुजारी जो आपकी पूजा करता चला गया
Thursday, December 25, 2008
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अच्छे भाव हैं
ReplyDeleteआपका ब्लॉग जगत में स्वागत है
ReplyDeletehttp://videocollectorblog.blogspot.com
अच्छे भाव हैं|
ReplyDeleteभाव अच्छे हैं वर्तनी की कुछ गलतियां हैं
ReplyDeletehttp://veenakesur.blogspot.com/
behatreen bhaav
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त करने का कष्ट करें
nice post
ReplyDeleteइस सुंदर से नए चिट्ठों के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteहिन्दी ब्लॉगजगत में स्वागत है। मैं यमुनानगर का सबसे पुराना हिन्दी ब्लॉगर हूँ। प्रसन्नता है कि यमुनानगर से एक और हिन्दी ब्लॉगर का पता चला।
ReplyDeleteश्रीश बेंजवाल
http://shrish.in